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Testimonial

उद्गार

शास्त्रीय संगीत के संरक्षण, प्रचार-प्रसार और उदीयमान कलाकारों को मंच प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित करने की दिशा में सुराना परिवार का अविस्मरणीय योगदान रहा है। संगीत के प्रति समर्पण और उसके उत्थान के लिए सुराना परिवार ने लीक से हटकर कार्य किया है। यहां तक कि लोक व्यवहार में प्रचलित कुछ परम्पराओं को तोडकर समाज के समक्ष कुछ अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत किये हैं। उदाहरण के लिए प्रकाश सुराना ने अपने पुत्र-पुत्रियों के विवाह पर पूरी-पूरी रात शास्त्रीय संगीत समारोह आयोजित किये वहीं पुत्र के विवाह पर निकासी के समय बैंड-बाजे के भारी-भरकम लवाजमे के स्थान पर शहनाई वादन के साथ बारात का प्रस्थान निश्चय ही एक साहसिक कदम था। यह अद्भुत निकासी जयपुर निवासियों के वैवाहिक इतिहास में उस समय और भी अधिक यादगार बन गई जब राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अनेक कलाकार इसमें सम्मिलित होकर पूरे रास्ते पैदल चले।
सुराना परिवार का संगीत के प्रति अगाध प्रेम को देखकर संगीत के मूर्धन्य कलाकार इतने अभिभूत हैं कि पंडित जसराज इस परिवार को आज का गुणीजन खाना मानते हैं तो पंडित भीमसेन जोशी का इस परिवार से अगाध प्रेम था। सुराना परिवार, श्रुति मण्डल और जयपुर के श्रोताओं को लेकर प्रस्तुत हैं संगीत जगत के जाज्वल्यमान एवं उदीयमान सितारों के उद्गार जो उन्होंने समय-समय पर व्यक्त किये-